संता: यार कल रात घर देर से पहुँचा, बैल बजाई पर बीवी ने दरवाजा ही नही खोला। पूरी रात सडक पर गुजारी। बंता: फिर सुबह बीवी की खबर ली कि नही? संता: नही यार सुबह याद आया बीवी तो मायके गई है और चाबी तो जेब में थी।
बंता: यार संता, जो लोग हमेशा ऑफिस में Over Time लगाते हैं, क्या वो सबसे मेहनती हैं? संता: अरे ऐसा नहीं है, या तो वो बीवी से तंग हैं, या फिर ऑफिस में किसी के संग हैं।
संता: डॉक्टर साहिब मुझे चक्कर आ रहे हैं! डॉक्टर: आपको आराम की सख्त ज़रुरत है, नींद की गोली दे रहा हुँ, बीवी को खिला देना!
संता: यार मेरी बीवी गुस्सा बहुत करती है। बंता: मेरी बीवी भी पहले बहुत गुस्सा करती थी, अब नहीं करती। संता: आपने क्या इलाज़ किया? बंता: एक दिन बहुत गुस्से में थी, मैंने कह दिया कि बुढ़ापे में गुस्सा आ ही जाता है। बस वह दिन है और आज का दिन है, तेज़ आवाज़ में भी बात नहीं करती।
संता: अरे, ये तेरे हाथ-पैर कैसे टूट गए? बंता: कुछ नहीं यार, वो पड़ोस में जो चायनीज़ रहता है उसकी बीवी मर गई, पिछले साल ही शादी हुई थी। संता: तो? बंता: तो क्या, वह रो रहा था तो मैंने कहा, भाई दुखी मत हो। बीवी एक साल तो रही, वरना चाइना का माल इतना भी कहाँ चलता है।
पहले वो मेरी गर्लफ्रेंड थी, मैं बोलता था और वो सुनती थी, फिर वो मेरी मंगेतर बनी, वो बोलती थी और मैं सुनता था, जब से वो मेरी बीवी बनी, हम दोनों बोलते हैं, और, मोहल्ला सुनता है!!