संता लंगड़ाता हुआ जा रहा था और उसके कपड़े फटे हुए थे। बंता ने पूछा: क्या हुआ भाई? यह हालत कैसे हुई तुम्हारी? संता: क्या बताऊं यार, बीवी को मुझे पिटवाने की नई तरकीब सूझी थी! बंता: कैसी तरकीब? संता: बीवी ने मुझे झाड़ू खरीदने भेजा था। वापस आ रहा था, तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मुझे 'आप' का कार्यकर्ता समझ लिया!
संता बंता से: 20 सालों में, आज पहली बार अलार्म से सुबह सुबह मेरी नींद खुल गई। बंता: क्यों, क्या तुम्हें अलार्म सुनाई नहीं देता था? संता: नहीं आज सुबह मुझे जगाने के लिए मेरी बीवी ने अलार्म घड़ी फेंक कर सिर पर मारी।
संता: जब मेरी नई नई शादी हुई थी तो मुझे मेरी बीवी इतनी प्यारी लगती थी कि मन करता था खा जाऊं। बंता: और अब? संता: खा ही जाता तो अच्छा था।
बंता: दोस्त और बीवी में क्या अंतर है? संता: दोस्त को बताया जा सकता है कि तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो लेकिन बीवी को नहीं बताया जा सकता कि तुम मेरी सबसे अच्छी बीवी हो।
बंता: 'हिम्मत ए मर्दां तो मदद ए खुदा' का क्या मतलब है? संता: यही कि जो अपनी बीवी के सामने मर्द बनने की कोशिश करता है, उसकी मदद फिर खुदा ही कर सकता है।
बंता: यार मैं बहुत परेशान हूँ, मेरी बीवी मुझसे 1 पप्पी का 100 रुपये लेती है। संता: तू तो किस्मत वाला है यार! दूसरों से 500 रुपये लेती है।