ना कजरे की धार ना मोतियों के हार, ना कोई किया श्रृंगार फ़िर भी कितनी सुंदर हो। ये गाना किसी कंजूस प्रेमी ने ही लिखा होगा बीवी के मेकअप के खर्चे को बचाने के लिये।
संता: परसों मेरी बीवी कुएँ में गिर गई! उसे बहुत चोटे लगी और वो बहुत चिल्ला रही थी! बंता: अब कैसी है वो? संता: अब तो वो ठीक ही होगी क्योंकि कल से कुएँ से कोई आवाज़ नहीं आई!
संता अपने ससुराल में गुरुजी का पर्वचन सुनने गया! गुरुजी बोले, "जो-जो स्वर्ग जाना चाहता है, वह अपना हाथ ऊपर करे"! संता की बीवी और सास ने हाथ ऊपर उठाया! गुरूजी ने संता से पूछा, "क्या तुम स्वर्ग नहीं जाना चाहते?" संता: गुरुजी, यह दोनों चली जायेंगी तो यही पर स्वर्ग हो जायेगा!