संता: परसों मेरी बीवी कुएँ में गिर गई! उसे बहुत चोटे लगी और वो बहुत चिल्ला रही थी! बंता: अब कैसी है वो? संता: अब तो वो ठीक ही होगी क्योंकि कल से कुएँ से कोई आवाज़ नहीं आई!
संता: यार, तुने अपनी गाड़ी से विएपर क्यूँ हटा दिया? बंता: मेरी बीवी हमेशा गलत पार्किंग करती है! इस कारन, उसके बुहत चल्लान होते हैं! मैंने इस का जड़ से ही नास कर दिया!
परेशान संता: एक मैं हूं जो तुमसे निभा रहा हूँ! लेकिन अब पानी सर से ऊपर जा चुका है! इस लिये में 'आत्म-हत्या' करने जा रहा हूँ! जीतो: ठीक है, लेकिन हमेशा की तरह आज मत भूल जाना! घर लौटते समय दो किलो प्याज जरूर लेते आना!
जीतो: तुम रोज-रोज नदी में छलांग लगाने के लिए कहते हो, लेकिन आज तक तुमने छलांग नहीं लगाई? संता: चेलैंज मत कर, वरना करके दिखा दूंगा! अभी मैं तैरना सीख रहा हूँ, जिस दिन आ जाएगा, छलांग भी लगा दूंगा!
जीतो: क्यों जी, रोज़ सुबह मेरे चेहरे पे पानी क्यों डालते हो? संता: ओए, तेरे बाप ने ही तो कहा था कि मेरी बेटी 'फूल' की तरहें है, इसे मुरझानें मत देना!
एक बार प्रीतो और संता की टीम बस में 'अन्ताक्छरी' खेल रहे थे! प्रीतो: हम तुम्हें हरा के दिखायेंगे! संता: लो, हम हार गए; चलो अब दिखाओ!