बंता: परिवर्तन की क्या परिभाषा है? संता (शायराना अंदाज़ में): जो कभी बादलों की गरज से डर कर लिपट जाती थी मुझसे, आज वह खुद बादलों से भी ज्यादा गरजती है। ~ पत्नियों को समर्पित
संता: देखो एक महान लेखक ने कहा है, 'पति को भी घर के मामले में बोलने का हक़ होना चाहिए'। जीतो: देखो, वो बेचारा भी सिर्फ लिख पाया, कह नहीं।
आदमी सब से ज्यादा चालाक तब बन जाता है जब उसे 1000/- का नकली नोट चलाना हो और सब से ज्यादा भोला तब बनता है जब... . . . . . . . वो ऐसा करते पकड़ा जाए।
संता को एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी! बंता: यार, जो होना था वह हो गया! पर तु अभी तक, इतना डरा हुआ क्यों है? संता: यार, ट्रक के पीछे लिखा था, "फिर मिलेंगे"!
संता: बीवी और गाड़ी में क्या अंतर है? बंता: गाड़ी बिगड़ती है तो बंद हो जाती है, पर जब बीवी बिगड़ती है तो शुरु ही हो जाती हैं!