दोस्ती को बड़े प्यार से निभाएंगे; कोशिश रहेगी तुझे न सतायेंगे; कभी पसंद न आये मेरा साथ तो बता देना; गिन भी न पाओगे कि इतने "थप्पड़" लगाएंगे।
मैंने उसका चेहरा मार-मार कर लाल कर दिया, पता है क्यों? क्योंकि उसने कहा था कि "थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब, प्यार से लगता है।"
चाँदनी ने कहा कि तू प्यार कर; समां ने कहा आँखें चार कर; गोरी को छेड़ा तो बोली मुस्कुराकर; अभी तू नदान है कुछ इंतजार कर।
अगर तुम उसे न पा सको जिससे तुम प्यार करते हो तो; शर्म करो; और . . . . . "लाओ नंबर मुझे दो, मैं कोशिश करता हूँ।"
अच्छी बातें तो सभी को अच्छी लगती है। लेकिन जब तुम्हे किसी की बुरी बात भी अच्छी लगने लग जाए तो समझ लो तुम्हे प्यार . . . . . . . . . नहीं बल्कि बेइज़्ज़ती सहने की आदत हो गयी है।