पति-पत्नी में बहुत देर से बहस चल रही थी। पत्नी: आखिर आप चाहते क्या हैं? पति: कुछ नहीं। बस तुम ढंग से रहा करो। पत्नी: सुबह 5 बजे उठती हूँ, पूरे घर में सफाई करती हूँ, नाश्ता बनाती हूँ, बच्चों को उठाकर तैयार करती हूँ, बच्चों को स्कूल भेजकर आपके लिए खाना तैयार करती हूँ, इस बीच में मुझे नाक पोंछने तक की फुरसत नहीं मिलती। पति: मैं यही तो कह रहा हूँ कि कम से कम नाक तो पोंछ लिया करो।
एक पति द्वारा की गई सबसे रोमांटिक तारीफ: तेरी बिखरी हुई ज़ुल्फो ने हंगामा मचा रखा है, कभी दाल, कभी सब्जी, तो कभी रोटी में नज़र आती हैं।
भक्तिनि: “बाबा, मेरे और मेरे पति के बीच प्रेम कम हो गया है.. कोई ऊपाय बताओ..!! बाबा: बालिका… शनिवार को ‘फेसबुक’ का ऐकासना और रविवार को ‘व्हाटसप्प’ का उपवास रखो पहले जैसा प्रेम आ जाएगा……..