कभी हौंसला भी आजमा लेना चाहिए; बुरे वक्त में मुस्कुरा लेना चाहिए; अगर सातवें दिन भी खुजली ना मिटे तो; आठवें दिन नहा लेना चाहिए।
जिस पल खुदा ने तुम्हें बनाया होगा; हज़ारों साल देखा होगा; लाखों साल निहारा होगा; और फिर एक बार जरूर सोचा होगा; अबे यार बना तो दिया, पर यह है क्या?
कुछ लोग तो इस साल की गर्मी में ऐसे हाय-तौबा मचा रहे हैं जैसे . . . . . . . . पिछले कई सालों की गर्मी इन सालों ने स्विट्ज़रलैंड में बिताई हों।
नज़र से नज़र मिला कर तो देखो; किसी को अपना बना कर तो देखो; मिलना चाहेंगे सब लोग आप से; . . . . . . . दिन में एक बार नहा कर तो देखो।
सुबह जल्दी उठ कर, नहा धो कर, तैयार होकर, भगवान के सामने खड़े होकर, आँखें बंद कर, भगवान से सच्चे मन से पूछना कि... . . . . . . . हे प्रभु जब तुम अक्ल बाँट रहे तो मैं कहाँ था?
सुनो महसूस करो बादल की ग़रज़ बिजली की चमक बारिश की एक-एक बूँद तुमसे चीख-चीख कर कह रही है, . . . . . . . . नहा ले, नहा ले।