पप्पू: पापा, सूरज, धरती से कितनी दूर है? संता: मुझे नहीं पता। पप्पू: आप की इसी नासमझी की सज़ा मुझे कल स्कूल में मिलेगी।
एक दिन संता, पप्पू को समझा रहा था। संता: बेटा मेहनत किया कर, मेहनत करने से कोई मर नहीं जाता। पप्पू: इसीलिए तो मैं मेहनत नहीं करता पापा। असली मजा तो उसी काम में है जिसमें जान का खतरा हो।
पप्पू: पापा, क्या स्याही महंगी होती है? संता: नहीं, पर क्यों पूछ रहे हो? पप्पू: मैंने थोड़ी सोफे पर गिरा दी तो पता नहीं मम्मी इतना क्यों चिल्ला रही थी।
संता (पप्पू को डांटते हुए): तुम निहायत आलसी हो, कुछ करना ही नहीं चाहते। जानते हो जब मैं तुम्हारी उम्र का था तो एक स्टोर में मैंने 500 रूपये महीने की नौकरी की थी, और कुछ दिन बाद मैं उस स्टोर का मालिक बन गया था। पप्पू: आजकल यह संभव नहीं पापा, अब तो सब स्टोरों में पैसे का हिसाब - किताब रखा जाता है और आज-कल तो हर स्टोर में कैमरे भी लगे हुए हैं।
पप्पू: पापा एक बात बतानी है आपको। संता: क्या? पप्पू: मैंने फेसबुक पर लडकियों के नाम से 10 जाली आईडी बना रखी हैं। संता: तो मुझे क्यों बता रहा है नालायक? पप्पू: वो जिसे आप बार-बार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रहे हैं वो मेरी ही जाली आईडी है पापा।
पप्पू: पापा स्कूल में एक छोटा सा 'Get Together' रखा है। संता: छोटा सा क्या मतलब? पप्पू: बस आप, मैं और प्रिंसिपल।