आपका ख्याल मन से न जाये तो क्या करूँ; आपकी याद सताये तो क्या करूँ; हर पल आपको देखने की चाहत होती है; पर... . . . . . . रोज़ सर्कस न जा पाऊँ तो क्या करूँ।
पठान: 15 दिन की छुट्टी चाहिये, कजन की शादी है! बॉस: कजन की शादी में 15 दिन की छुट्टी क्यों? पठान: कजन की शादी मुझसे हो रही है!
दो बच्चों की मां तीसरी बार शादी करने जा रही थी! फेरों के वक्त छोटा बच्चा रोने लगा! तंग आकर मां बोली, "चुप हो जा, वरना अगली शादी में नही लेकर जाऊंगी।"
पत्नी: अपने पति के कब्र पे पंखा कर रही थी। पड़ोसी: भाभी जी, अब इसपे पंखा करके क्या फायदा? पत्नी: हमारे यहाँ के नियम है कि जब तब पति की कब्र सूख नहीं जाती, तब तक पत्नी की दूसरी शादी नहीं हो सकती।
पति: कई लोग अपना जन्मदिन अक्सर भूल जाते हैं, मगर शादी की तारीख नहीं भूलते, ऐसा क्यों? पत्नी: दुःख की घटना बहुत दिनों तक याद रहती है।
वैसे औरत की दिलेरी का अंदाज़ा आदमी को शादी के उसी वक्त लगा लेना चाहिए, जब एक आदमी उसे लेने सौ आदमियोँ की बारात लेकर जाता है और वो 'शेरनी' उधर से अकेली चली आती है।