पत्नी: मेरा दिमाग ख़राब हो गया था जो मैंने तुमसे शादी की। पति: शक तो मुझे भी हुआ था लेकिन मैं प्यार में था इसलिए नज़रअंदाज़ कर दिया।
निराश नहीं हुआ हूँ जिन्दगी में, मुझे अभी बहुत से काम हैं, आँखे आज भी ढूंढ रही हैं उस कमीने को जिसने कहा था कि... . . . . . . . . . शादी के बाद बहुत आराम है।
काश केजरीवाल जी कोई ऐसा भी क़ानून ले आयें कि... 1,3,5,7,9 को पत्नी बोलेगी और पति सुनेगा 0,2,4,6,8 को पति बोलेगा और पत्नी सुनेगी ऐसा कानून आने पर काफी समस्याओं का हल हो सकता है।
मेरी शादी ना करने का एक कारण ये भी है कि दूल्हा दुल्हन को आखिर में खाना खिलाते हैं, जब आधी चीज ठंडी और आधी खत्म हो जाती है।
हम भारतीयों को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। घर का कोई बच्चा भले ही ना तुतलाता हो पर शादी के कार्ड पर 'बुआ की शादी में ज़लूल-ज़लूल आना' ज़रूर छपवाएंगे।