संता : सुनती हो, मेरी माँ आई है। जीतो: तो कौनसी नयी बात हैं उनका तो रोज़ का ही काम है, अब क्यों आयी हैं? संता : अरे माँ पांच किलो प्याज भी लायी है। जीतो: आप भी ना पहले बोलना था ना माँ जी आयी है, बड़ी मुश्किल से तो बड़ों का प्यार और आशीर्वाद नसीब होता है।
एक बार संता की टाँग की हड्डी टूट गयी। वो अस्पताल गया तो वहाँ उसने देखा कि एक आदमी की दोनों टाँगों की हड्डियां टूटी हुई थी। उसे देख संता बोला, "अरे आप की क्या दो बीवियां हैं।"
संता और जीतो की लडाई हो गई। आधा दिन चुपचाप गुजारने के बाद जीतो, संता के पास आई और बोली, "इस तरह झगड़ते अच्छे नही लगते। एक काम करते हैं, थोडा आप समझौता करो थोडा मैं करती हूँ।" संता: ठीक है। क्या करना है? जीतो: आप मुझसे माफी माँग लो और मैं आपको माफ कर देती हूँ।
बंता: भाई, बकरे की जिंदगी बढ़िया है। संता: वो कैसे? बंता: अरे, एक बार कट गया और किस्सा खत्म। संता: क्या हुआ, भाभी वापस आ गयी क्या?
संता: डॉक्टर साहब जोड़ों में दर्द रहता है, क्या करूँ? डॉक्टर: जोड़े तो भगवान बनाता है पगले, इसमें हम डॉक्टर क्या कर सकते हैं?
संता बालकनी में खड़ा मस्ती में गा रहा था,"पंछी बनूं, उड़ता फिरूं मस्त गगन में, आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में"। तभी रसोई में से जीतो की आवाज आई, "घर में ही उड़ो, सामने वाली मायके गई है।"