पत्नी: मैंने बीस सोमवार के उपवास किए, तब जाकर तुम्हें पाया। पति: यह सब नहीं करती तो क्या होता? पत्नी: तुमसे भी कोई गया गुजरा मिलता।
पत्नी: आपके जन्मदिन के लिए इतना मस्त सूट लिया है कि पूछो मत। पति: शुकर है तुम्हें मेरा ख्याल तो आया, लाओ दिखाओ। पत्नी: अभी पहन के आती हूँ।
शादी के बाद पति कैसे बदलते है, जरा गौर कीजिए: पहले साल: प्रिय, संभलकर उधर गड्ढा हैं, दूसरे साल: अरे यार देख ,के उधर गड्ढा हैं, तीसरे साल: दिखता नहीं, उधर गड्ढा हैं, चोथे साल: अंधी हैं क्या? गड्ढा नहीं दिखता? पांचवे साल :अरे उधर -किधर मरने जा रही हैं, गड्ढा तो इधर हैं!
एक बहुत मोटी औरत अपने पलंग पर सोई हुई थी कि एकाएक भूचाल आ गया और वो पलंग से नीचे गिर गई। करीब ही उसका पति सोया हुआ था, उसकी भी आँख खुली। "क्या हुआ भगवान?" वह फर्श पर गिरी पड़ी पत्नी से बोला, "भूचाल से तुम गिरी हो या तुम्हारे गिरने से भूचाल आया है!"
पति और पत्नी आपस में झगड़ा कर रहे थे। पत्नी (गुस्से में चिल्लाकर): आपने तो जीवन में कभी भी किसी की भलाई नहीं की। पति: तो तुम जैसी औरत से विवाह किसने किया!
दुखी पत्नी: पता नहीं तुम जुआ खेलना कब छोड़ोगे? अगर भूल से भी तुमने कोई रविवार घर पर बिता दिया तो मारे ख़ुशी के मेरी तो जान ही निकल जाएगी। यह सुनकर पति ने पूछा: सच, रविवार कब है?