पठान रातभर मुजरा देखता रहा, सुबह मुजरे वाली बोली, रातभर हमने आपको खुश किया है अब आप हमको खुश कर दीजिए!पठान तो चल, मैं नाचता हूं तू देख!
पठान ने घड़ीसाज से कहा, "इस घड़ी को ठीक करने का क्या लोगे?" घड़ीसाज: जो कीमत आप को पड़ी थी, उसका आधा दे देना! अगले दिन घड़ी ठीक कराने के बाद पठान ने घड़ीसाज को दो थप्पड़ मार दिए! घड़ीसाज ने पूछा, "मुझे थप्पड़ क्यूँ मारे?" पठान ने झट से जवाब दिया, "जब मैंने घड़ी लेने की ज़िद की थी तो मेरे अब्बू ने मुझे चार थप्पड़ मारे थे!"
जज: तुम्हारा क्या ख्याल है, यह आदमी कैसे मरा? पठान (गवाह): हुजुर, यह बचपन से ही भुलक्कड़ किस्म का आदमी था! मेरा ख्याल है कि यह सांस लेना भूल गया होगा!
दोस्त ने पठान को पूछा, "खान साहब, आप तो डॉक्टर के पास जाने वाले थे ना?" पठान: यार कल जाऊंगा, आज मेरी तबियत खराब है!
डॉक्टर: सिर पर चोट कैसे लगी? पठान: मैं अपनी हवाई चप्पल से दीवार में कील ठोंक रहा था! डॉक्टर: उससे चोट का क्या लेना-देना? पठान: उसी वक्त मेरे पड़ोसी ने कहा, कि कभी-कभी दिमाग का भी इस्तेमाल कर लिया करो!
पठान: मेरे मरने के बाद, तुम्हें मेरे जैसा दूसरा आदमी नहीं मिलेगा! सलमा: तुम्हें किसने कह दिया कि मैं दूसरा आदमी भी तुम्हारे जैसा ही चाहती हूं!