जीतो: पिछली बार आपने मेरे जन्मदिन पर लोहे का पलंग बनवाया था। इस बार क्या इरादा है? संता: सोच रहा हूँ इस बार उसमें करंट छोड़ दूँ।
जीतो मायके से वापस आयी तो संता दरवाजा खोलते हुए जोर-जोर से हँसने लगा। जीतो: ऐसे क्यों हँस रहे हो? संता: बुजुर्गों ने कहा है कि जब भी मुसीबत सामने आये उसका सामना हँसते हुये करो।
जीतो: 26 जनवरी को परमाणु हथियारों की झाँकी देख कर कितना अच्छा लगता है। संता: मैं मोदी जी से आग्रह कर के अगली परेड मे बेलन भी रखने को कहुंगा क्योंकि हिन्दुस्तानी पती के लिए तो बेलन भी किसी परमाणु हथियार से कम नही है।
प्रीतो: देखो हमारी पड़ोसन हर साल अपने पति के साथ 15-20 दिन के लिए बाहर घूमने जाती है, पर क्या आप कभी ले कर गए? बंता: मैंने उससे 4-5 बार पूछा, पर वो मना कर देती है।