यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं SHARE FacebookTwitter यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैंसोंधी सोंधी लगती है तब माज़ी की रुस्वाई भी SHARE FacebookTwitter Tagsयाद शायरी फेसबुक