मुझको एक बारमुझको एक बार आजमाते तो सहीवो मेरी बज़्म में आते तो सहीमैंने रखा था सर-ए-शाम से घर को सजाकरतुम न रुकते एक पल को आते तो सहीआपकी खातिर आपकी खुशियों की खातिरखुद भी हो जाता नीलाम, बताते तो सहीयकीनन आपके हिस्से में रोशनी होतीशम्म-ए-वफ़ा दिल में एक बार जलाते तो सहीमैं भी इंसान हूँ पत्थर नहीं, क्यूँ ठुकरायाखुद हो जाता टुकड़े-टुकड़े बताते तो सही