तेरा मुस्कुराना नहींतेरा मुस्कुराना नहीं भूलता हैवो नज़रें झुकाना नहीं भूलता हैमेरी ख़ाबगाह में मेरी जान का वोदबे पाँव आना नहीं भूलता हैकि शर्मा के दांतों तले फिर तुम्हारावो ऊँगली दबाना नहीं भूलता हैवो गेसू सुखाना तेरा छत पे आ केक़यामत गिराना नहीं भूलता हैलिपटना मेरे साथ आकर तुम्हारावो मंज़र सुहाना नहीं भूलता हैमुहब्बत निभाता दिलो-ओ-जाँ से 'सागर'पुराना ज़माना नहीं भूलता है