आंधियां गम की चलेंगी तो संवर जाऊंगा SHARE FacebookTwitter आंधियां गम की चलेंगी तो संवर जाऊंगामैं तो दरिया हूँ समंदर में उतर जाऊंगामुझे सूली पे चढाने की ज़रूरत क्या हैमेरे हाथ से कलम छीन लो मैं मर जाऊंगा!MoreThis is a great मर जाऊंगा शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsमर जाऊंगा शायरी