अब हवा जिधर जाये मैं भी उधर जाऊंगाअब हवा जिधर जाये मैं भी उधर जाऊंगामैं खुश्बू हूँ हवाओं में बिखर जाऊंगाअफ़सोस तुम्हें होगा मुझे सताओगे अगरमेरा क्या जितना भी जलाओगे उतना ही निखर जाऊंगा
भूल जाऊंगा उसी वक़्त उसी पलभूल जाऊंगा उसी वक़्त उसी पलबस तू उससे मिला दे जो मुझसे ज़्यादा चाहता है तुम्हें
आंधियां गम की चलेंगी तो संवर जाऊंगाआंधियां गम की चलेंगी तो संवर जाऊंगामैं तो दरिया हूँ समंदर में उतर जाऊंगामुझे सूली पे चढाने की ज़रूरत क्या हैमेरे हाथ से कलम छीन लो मैं मर जाऊंगा!