Hindi Shayari, Aapne ghar ki izaat sab ko

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अपने घर की इज्ज़त सब को प्यारी लगती ह
गैरों की बहन बेटी क्यों अबला नारी लगती है
दुसरो की बहन बेटी को छेड़ने में बड़ा मजा आता ह
खुद की बहन बेटी को कोई देखे तो मिर्ची क्यों लगती है
अपनी गर्ल फ्रेंड की हर बात बड़ी अच्छी लगती ह
बहन का बॉय फ्रेंड बने तो क्यों दिल में आग लगती है
किसी का बलात्कार हो जाये खबर गरम लगती ह
खुद के साथ यही बीते तो क्यों फिर शर्म लगती है
मुझ को तो हर बहन बेटी अपनी सी लगती ह
बस घर को चलाने वाली लक्ष्मी सी लगती है
इज्ज़त हर घर की एक जैसी ही होती ह
बहन बेटी सब की बड़ी प्यारी सी होती है

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