हम उस से थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं

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हम उस से थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं
न जाने उस से मिलने का इरादा कैसा लगता है
मैं धीरे धीरे उन का दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ
वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है

This is a great दूरी की शायरी.

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