तन्हा बैठकर न देख हाथों की लकीरे अपनी SHARE FacebookTwitter तन्हा बैठकर न देख हाथों की लकीरे अपनीउठ बाँध कमर और लिख दे खुद तकदीर अपनी SHARE FacebookTwitter Tagsरात की तन्हाई शायरी