हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर SHARE FacebookTwitter हो जुदाई का सबब कुछ भी मगरहम उसे अपनी खता कहते हैंवो तो साँसों में बसी है मेरेजाने क्यों लोग उसे मुझे जुदा कहते हैं SHARE FacebookTwitter