इन्हीं ग़म की घटाओं से ख़ुशी का चाँद निकलेगा SHARE FacebookTwitter इन्हीं ग़म की घटाओं से ख़ुशी का चाँद निकलेगाअँधेरी रात के पर्दे में दिन की रौशनी भी है SHARE FacebookTwitter Tagsरात भर शायरी