ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब SHARE FacebookTwitter ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीबराह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैंMoreThis is a great नसीब की शायरी. If you like नसीब अपना अपना शायरी then you will love this. Many people like it for मुसाफिर की शायरी. Share it to spread the love. SHARE FacebookTwitter Tagsनसीब की शायरी, मुसाफिर की शायरी
Hasrat hai sirf yaar tumhe pane ki, aur koi khawahish nahi is dewane ki, shikwa.......Read Full Shayari