रेख़ती के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो ग़ालिब SHARE FacebookTwitter रेख़ती के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो ग़ालिब;कहते हैं अगले ज़माने में कोई मीर भी थाMoreThis is a great ज़माने पर शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsज़माने पर शायरी
Hasrat hai sirf yaar tumhe pane ki, aur koi khawahish nahi is dewane ki, shikwa.......Read Full Shayari