इब्तिदा-ए-इश्क़ है लुत्फ़-ए-शबाब आने को है

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इब्तिदा-ए-इश्क़ है लुत्फ़-ए-शबाब आने को है
सब्र रुख़्सत हो रहा है इज़्तिराब आने को है
अनुवाद
इब्तिदा-ए-इश्क़ = इश्क़ की शुरुआ
लुत्फ़-ए-शबाब = जवानी का मज़
इज़्तिराब = बेचैन

This is a great जवानी की शायरी. If you like बेचैनी शायरी then you will love this. Many people like it for बेचैनी पर शायरी. Share it to spread the love.

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