उसको सजने की संवरने की ज़रूरत​ ​ही नहीं​​

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उसको सजने की संवरने की ज़रूरत​ ​ही नहीं​​;

उस पे सजती है हया भी किसी जेवर ​की तरह...​

This is a great किसी की चाहत शायरी.

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