कोई तीर जैसे जिगर के पार हुआ हैजाने क्यों दिल इतना बेक़रार हुआ हैपहले कभी देखा न मैंने तुम्हेंफिर भी क्यों ऐ अजनबी इस कदर तुमसे प्यार हुआ है
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