सारी रात इसी कश्मकश में गुज़र जाती है कि

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सारी रात इसी कश्मकश में गुज़र जाती है कि
ये रजाई में हवा कहाँ से घुस रही है

This is a great कहाँ हो तुम शायरी. If you like कहाँ हो शायरी then you will love this.

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