आज समझा हूँ तेरी हुस्ने नज़र का मेह्फूम SHARE FacebookTwitter आज समझा हूँ तेरी हुस्ने नज़र का मेह्फूइससे हर लम्हा शरारत कि ख़बर मिलती हअहले जर के हैं चमन बू ए वफ़ा से ख़ालसिर्फ ये खुशबू ग़रीबों के ही घर मिलती ह SHARE FacebookTwitter Tagsहुस्न हिंदी शायरी
Na jaane wo humse kya chhupati thi; kuch tha zaroor uske payyare se hontho pe; magar na jaane kyon h.......Read Full Shayari