आज समझा हूँ तेरी हुस्ने नज़र का मेह्फूमआज समझा हूँ तेरी हुस्ने नज़र का मेह्फूइससे हर लम्हा शरारत कि ख़बर मिलती हअहले जर के हैं चमन बू ए वफ़ा से ख़ालसिर्फ ये खुशबू ग़रीबों के ही घर मिलती ह