शतरंज हम नही खेलते SHARE FacebookTwitter शतरंज हम नही खेलतेक्योंकदुश्मनों की हमारे सामने बैठने की औकात नहींऔदोस्तों के सामने हम चाल नही चलते SHARE FacebookTwitter Tagsदोस्ती शायरी हिन्दी