कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जावो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जावो तेरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईंदिल-ए-मुंतज़िर मेरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जाअनुवाददिल-ए-मुंतज़िर = इंतज़ार करने वाला दि
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