लगता नहीं है दिल मेरा उजड़े दयार मेंकिसकी बनी है आलम-ए-ना पैदार मेंकह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसेंइतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दागदार में
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