नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दोनहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दोमेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दोमैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँमेरे वजूद को ख़्वाबों के घर में रहने दो
लगता नहीं है दिल मेरा उजड़े दयार मेंलगता नहीं है दिल मेरा उजड़े दयार मेंकिसकी बनी है आलम-ए-ना पैदार मेंकह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसेंइतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दागदार में