आरज़ू यह नहीं कि ग़म का तूफ़ान टल जाये

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आरज़ू यह नहीं कि ग़म का तूफ़ान टल जाये
फ़िक्र तो यह है कि कहीं आपका दिल न बदल जाये
कभी मुझको अगर भुलाना चाहो तो
दर्द इतना देना कि मेरा दम निकल जाये

This is a great मेरा बचपन शायरी. If you like मेरा नसीब शायरी then you will love this. Many people like it for मेरा गाँव शायरी. Share it to spread the love.

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