हम हैं मता ए कूचा ओ बाज़ार की तरह

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हम हैं मता ए कूचा ओ बाज़ार की तरह,
उठती है हर निगाह खरीदार की तरह

This is a great खरीदार शायरी. If you like निगाह पर शायरी then you will love this. Many people like it for बाज़ार शायरी. Share it to spread the love.

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