बेखुदी ले गई कहाँ हमकोदेर से इंतज़ार है अपनारोते फिरते हैं सारी-सारी रातअब यही बस रोज़गार है अपना
This is a great कहाँ हो तुम शायरी. If you like कहाँ हो शायरी then you will love this. Many people like it for बेखुदी शायरी फेसबुक. Share it to spread the love.