तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी SHARE FacebookTwitter तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगीमैं जानता हूं मुझे ख़बर है कि कल फ़ज़ा ख़ुशगवार होगीरहे मुहब्बत में ज़िन्दगी भर रहेगी ये कशमकश बराबर;ना तुमको क़ुरबत में जीत होगी ना मुझको फुर्कत में हार होगीMoreThis is a great हँसते रहो शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsहँसते रहो शायरी