एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है

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एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है
जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है
मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी कुछ कम नहीं
मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है

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