दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो

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दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो
कुछ तो रहने दो, मेरी ज़ात पे एहसान अपना

This is a great एहसान की शायरी. If you like मेरी खामोशी शायरी then you will love this. Many people like it for मेरी जिंदगी शायरी.

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