दिल में अब यूँदिल में अब यूँ..दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते है.जैसे बिछड़े हुये काबे में सनम आते हैरक़्स-ए-मय तेज़ करो, साज़ की लय तेज़ करो;सू-ए-मैख़ाना सफ़ीरान-ए-हरम आते है;.और कुछ देर न गुज़रे शब-ए-फ़ुर्क़त से कहो ;दिल भी कम दुखता है वो याद भी कम आते है;.इक इक कर के हुये जाते हैं तारे रौशन ;मेरी मन्ज़िल की तरफ़ तेरे क़दम आते है;.कुछ हमीं को नहीं एहसान उठाने का दिमाग.वो तो जब आते हैं माइल-ब-करम आते है।
दिल में अब यूँदिल में अब यूँ...दिल में अब यूँ तेरे भूले हुए ग़म आते है;जैसे बिछड़े हुए काबे में सनम आते है; रक़्स-ए-मय तेज़ करो, साज़ की लय तेज़ करो;सू-ए-मैख़ाना सफ़ीरान-ए-हरम आते है;.और कुछ देर न गुज़रे शब-ए-फ़ुर्क़त से कहो;दिल भी कम दुखता है वो याद भी कम आते है; इक इक कर के हुये जाते हैं तारे रौशन;मेरी मन्ज़िल की तरफ़ तेरे क़दम आते है;.कुछ हमीं को नहीं एहसान उठाने का दिमाग;वो तो जब आते हैं माइल-ब-करम आते है
दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करोदिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करोकुछ तो रहने दो, मेरी ज़ात पे एहसान अपना
एहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ परएहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ परउठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया
तेरा एहसान हम कभी चुका नहीं सकतेतेरा एहसान हम कभी चुका नहीं सकतेतू अगर माँगे जान तो इंकार कर नहीं सकतेमाना कि ज़िंदगी लेती है इम्तिहान बहुततू अगर हो हमारे साथ तो हम कभी हार नहीं सकते