इसी से जान गया मैं कि वक़्त ढलने लगे

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इसी से जान गया मैं कि वक़्त ढलने लगे
मैं थक के छाँव में बैठा और पाँव चलने लगे
मैं दे रहा था सहारे तो एक हजूम में था
जो गिर पड़ा तो सभी रास्ता बदलने लगे

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