उल्फत का यह दस्तूर होता है

SHARE

उल्फत का यह दस्तूर होता है
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है
दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है

This is a great उल्फत की शायरी.

SHARE