उल्फत में अक्सर ऐसा होता हैउल्फत में अक्सर ऐसा होता हैआँखे हंसती हैं और दिल रोता हैमानते हो तुम जिसे मंजिल अपनीहमसफर उनका कोई और होता है
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता हैउल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है;जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है;दिल टूटकर बिखरता है इस कदर;जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है
उल्फत का यह दस्तूर होता हैउल्फत का यह दस्तूर होता हैजिसे चाहो वही हमसे दूर होता हैदिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसेकांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है
उल्फत में अक्सर ऐसा होता हैउल्फत में अक्सर ऐसा होता हैआँखे हंसती हैं और दिल रोता हैमानते हो तुम जिसे मंजिल अपनीहमसफर उनका कोई और होता है
ना छेड़ क़िस्सा वो उल्फत काना छेड़ क़िस्सा वो उल्फत काबड़ी लम्बी यह कहानी हैहारे नहीं हम अपनी ज़िन्दगी सेयह तो किसी अपने की मेहरबानी है