ठोकरें खा कर भी ना संभले तो मुसाफ़िर का नसीब

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ठोकरें खा कर भी ना संभले तो मुसाफ़िर का नसीब
वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज़ निभा ही दिया

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