तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी

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तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी
मैं जानता हूं मुझे ख़बर है कि कल फ़ज़ा ख़ुशगवार होगी
रहे मोहब्बत में ज़िन्दगी भर, रहेगी ये कशमकश बराबर;
ना तुमको कुर्बत में जीत होगी ना मुझको फुर्कत में हार होगी
हज़ार उल्फ़त सताए लेकिन मेरे इरादों से है ये मुमकिन
अगर शराफ़त को तुमने छेड़ा तो ज़िन्दगी तुम पे वार होगी

This is a great हँसते रहो शायरी.

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