मुमकिन नहीं कि तेरी मोहब्बत की बू न हो

SHARE

मुमकिन नहीं कि तेरी मोहब्बत की बू न हो
काफ़िर अगर हज़ार बरस दिल में तू न हो
क्या लुत्फ़-ए-इंतज़ार जो तू हीला-जू न हो
किस काम का विसाल अगर आरज़ू न हो
शब्दार्थ
हीला-जू = बहाना करने वाल
विसाल = मिल

This is a great तेरी आँखे शायरी. If you like तेरी खामोशी शायरी then you will love this. Many people like it for तेरी खूबसूरती शायरी.

SHARE